उज्जैन. शहर में नकली पुलिस बनकर ठगी करने वाली गैंग फिर सक्रिय होने की शंका जताई जा रही है। ( Fake Police Robbers in Ujjain ) शनिवार की सुबह और रात दो अलग-अलग स्थानों पर दो बदमाशों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर एक वृद्ध और एक महिला को झांसा देकर लाखों रुपए के सोने के जेवर उतरवाकर फरार हो गए। ठगों ने दोनों ही मामलों में पुरानी ठगी तकनीक का इस्तेमाल किया। जेवर पुड़िया में बांधकर लौटाने का नाटक किया, लेकिन पुड़ियों में पत्थर निकले या जेवर गायब मिले।
पुलिस का कहना है कि दोनों वारदातें एक ही गैंग की करतूत लग रही हैं। सीसीटीवी फुटेज में दो युवक संदिग्ध दिखाई दे रहे हैं। मामले की तफ्तीश जारी है। ज्ञात हो दो साल पहले फ्रीगंज में भी इसी पैटर्न में लूट की वारदात के शिकार बने थे लोग।
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हजारों को सलाह दी, लेकिन उस दिन मेरा दिमाग जम सा गया
स्टेट बैंक के सेवानिवृत्त मैंनेजर सतीशकुमार गुप्ता शनिवार सुबह करीब 8 बजे पूजा के लिए पंडितजी को बुलाने निकले थे। जैसे ही वह नगर निगम मुख्यालय के पास पहुंचे, तो पुलिसवर्दी पहने दो युवकों ने उन्हें रोका। उन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताया और कहा कि शहर में चेन स्नैचिंग की घटनाएं बढ़ गई है, इसलिए वह अपने जेवर जेब में रख लें। गुप्ता ने बताया कि मैंने पहले मना किया, पर उन्होंने कहा नहीं सर, हमारे सामने रखिए। तभी एक तीसरा व्यक्ति आया, जो ग्रामीण जैसी वेशभूषा में था और उसने भी अपने जेवर निकाल दिए । पूरा दृश्य स्क्रिप्टेड लग रहा था। मैंने ब्रेसलेट, अंगूठियां और चेन उतारी, उन्होंने पुड़िया में बांध दी और लौटा दी।
गुप्ता ने कहा कि उसी दौरान एक युवक ने नाम पूछने के बहाने नाक के पास एक छोटी डायरी लाकर कुछ ऐसा सुंघाया, जिससे उनका दिमाग शून्य हो गया। मैं बैंकिंग कॅरियर में हजारों ग्राहकों और कई शाखाओं को संभाल चुका हूं, लेकिन उस वक्त कुछ समझ नहीं आया न बाइक का नबर देखा, न आइडी मांगी, न किसी राहगीर को रोका। जब पूजा के बाद उन्होंने पुड़िया खोली, तो उसमें सिर्फ पांच पत्थर निकले। उन्होंने बताया कि गहनों की कीमत लाखों में थी। कोतवाली पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी के आरोप में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इधर महिला भी बनी शिकार
दूसरी घटना शनिवार सुबह 8.30 बजे काला पत्थर क्षेत्र में हुई, जब बसंत विहार निवासी आशा आडवाणी टहलने के लिए निकली थीं। इसी दौरान दो युवक आए और पुलिसकर्मी बनकर बोले- इलाके में लूटपाट बढ़ गई है, जेवर बैग में रख लीजिए। महिला पहले तो, ‘हिचकिचाई, लेकिन बार-बार कहे जाने और सुरक्षा की बातों से वह मान गई। जैसे ही महिला ने कड़े उतारे, युवकों ने उन्हें बैग में रखने की बात कहकर उसे अपने हाथ में लिया और कुछ देर बाद वापस थमा दिया। जब वह घर पहुंची, तो बैग से कड़े गायब थे। इस मामले में भी महिला को मानसिक रूप से उलझाकर इतना भरोसा दिला दिया गया कि वह सवाल करना भूल गई। नानाखेड़ा पुलिस ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
ठगों की तकनीक में सबसे खतरनाक पहलू यही है कि वे व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता को प्रभावित कर देते हैं। विश्वास दिलाना, डर फैलाना और जल्दबाजी में निर्णय करवा लेना यही उनकी ठगी की स्क्रिप्ट है।
बंद पड़े सीसीटीवी कैमरे, जिम्मेदारी किसकी
सतीशकुमार गुप्ता ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि वारदात के बाद वह सुबह 9.30 बजे थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराने में 3.30 बजे तक का समय लग गया। कभी मंडी थाना, कभी कोतवाली, फिर घटनास्थल और दोबारा थाने लाया गया। सीएसपी से भी मिला, लेकिन कोई त्वरित कार्रवाई नहीं हुई। गुप्ता को सबसे ज्यादा आक्रोश इस बात पर है कि शहर के मुख्य स्थानों कोयला फाटक, बियावानी और गाड़ी अड्डा पर लगे सीसीटीवी कैमरे या तो बंद हैं या उनके फुटेज अनुपलब्ध हैं। मेरी बेटी ने जब पुलिस अधिकारी से बात की तो जवाब मिला कि पहले भी बिना फुटेज के अपराध सुलझते थे।
अपील: अज्ञात लोगों पर न करें भरोसा
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को पुलिसकर्मी बताकर गहने उतरवाने को कहे, तो पहले उसकी पहचान की पुष्टि करें।
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महत्वपूर्ण सुझाव
- कोई भी गहना अजनबी को न दें, चाहे वह वर्दी में हो।
- अकेले में बातचीत से बचें और आसपास के लोगों को आवाज दें।
- तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम 100 या 112 पर कॉल करें।
Fake Police Robbers in Ujjain: लाखों रुपए के सोने के जेवर उतरवाकर फरार
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