उज्जैन, कोटवार द्वारा सरकारी जमीन बेचने का मामला सामने आया है। ( Village Kotwar Sold the Government Land ) इसमें बड़ी गड़बड़ी रजिस्ट्रार की भी सामने आई है, जिसमें बिना जांच पड़ताल के सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कर दी। बाद में गलती का एहसास हुआ तो चौकीदार समेत खरीदार और सर्विस प्रोवाइडर को भी आरोपी बनाया है। धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया हैं।
मामला आगर रोड पर स्थित पानबिहार क्षेत्र के देव कराड़िया गांव का है। इस गांव में रहने वाले सरकारी कोटवार अर्थात चौकीदार को कलेक्टर के द्वारा भरण पोषण के लिए शासकीय जमीन दी जाती है, जिससे उसका जीवन यापन हो सके। कोटवार मनोहर पिता इमांगीलाल ने उक्त एक बीघा जमीन नका जयरामपुर गांव के सोनू पिता दूल्हे सिंह बोड़ाना को 14 लाख रुपए में सौदा कर रजिस्ट्री करा दी। कोटवार ने खसरा नंबर से शासकीय भूमि शब्द के साथ छेड़छाड़ कर उक्त रजिस्ट्री कराई, लेकिन इसमें रजिस्ट्रार की तरफ से भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। बाद में गलती का एहसास हुआ तो वरिष्ठ पंजीयन अधिकारी के द्वारा घट्टिया थाना पुलिस को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया। इसके बाद पुलिस ने कोटवार मनोहरलाल, खरीदार सोनू बोराना तथा सर्विस प्रोवाइडर हर्षद जैन के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
शासकीय जमीन शब्द के साथ छेड़छाड़
इस संदर्भ में पान बिहार चौकी प्रभारी जयंत डामोर ने बताया कि करीब 14 लाख रुपए में सौदा किया गया है। कोटवार ने पुराने खसरा से शासकीय जमीन शब्द के साथ छेड़छाड़ कर उक्त रजिस्ट्री कराई है। इसमें अगर अन्य लोगों की भी गड़बड़ी आती है तो उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा।
वरिष्ठ पंजीयन अधिकारी ने की शिकायत
फिलहाल वरिष्ठ पंजीयन अधिकारी के आवेदन पर तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में केस दर्ज करते कोटवार और खरीदार दोनों को हुए गिरफ्तार कर लिया गया है। सर्विस प्रोवाइडर को भी जल्द गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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बड़ा सवाल : सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो रही?
पहले भी सरकारी जमीन की रजिस्ट्री के मामले उठे हैं और जिनसे रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगे हैं। एक बार फिर सरकारी जमीन बेचने का यह मामला बड़ी गड़बड़ी को दर्शाता है। कोटवार ने सरकारी जमीन का सौदा किया और उसकी रजिस्ट्री के लिए आवेदन किया तब दस्तावेजों की अच्छे से छानबीन क्यों नहीं की गई। देखा जाए तो इसमें रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारी भी उतने ही दोषी है, जिन्होंने रजिस्ट्री की बाद में गलती का एहसास होने पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।
Village Kotwar Sold the Government Land: कोटवार ने सरकारी जमीन बेची – पंजीयक ने रजिस्ट्री कर दी, फिर रिपोर्ट दर्ज कराई।
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