उज्जैन | कृषि उपज मंडी में किसानों ने मंडी नीलामी में एक करोड रुपए से अधिक का सोयाबीन बेचा।( Chimanganj Krishi Upaj Mandi Ujjain ) सोयाबीन की एकतरफा खरीदी प्लांट द्वारा की गई। मोटर बिल्टी वालों को अपने भाव पर सोयाबीन नहीं मिला। इधर नीलामी फड़ पर कल्चर हरा-लाल सोयाबीन भी 4000 रुपए के भाव से बिक गया। भाव वृद्धि का मुख्य कारण आवक का काम होना माना गया है।
मंडी कारोबारी अमर अग्रवाल के अनुसार नीमच लाइन के सोयाबीन प्लॉट ने खरीदी ऑफर 4650 और इंदौर लाइन 4600 जबकि कल्चर हरा-लाल सोयाबीन के भाव ऑफर 4250 के बताए गए है। चौतरफा बारिश का दौर चलने से सोमवार को आवक में कमी रही। सोयाबीन की तेजी-मंदी 200 रुपए के आसपास चल रही है। अब उछाल वाली स्थिति नहीं बताई जा रही है। किसानों के अनुसार आफ सीजन में सोयाबीन के भाव में बड़ी तेजी आ जाती है लेकिन तीन से चार साल से आफ सीजन में भी भाव गिरने लगे है। इधर मंडी सीजन में 5 करोड रुपए से अधिक का सोयाबीन बिकने रोज आता है।
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प्लांट की नीलामी खरीदी होने से ऊंचे भाव
किसान कारण सिंह पटेल ने कहा उज्जैन मंडी में डायरेक्ट प्लांट की नीलामी खरीदी होने से ऊंचे भाव मिल जाते है। करीब 50 से 75 रुपए क्विंटल का लाभ हो जाता है। इधर सोयाबीन व्यापारी लाखों रुपए का टैक्स मंडी को देते हैं। उन्हें गोदाम की सुविधा नहीं है, जबकि मंडी में किराए से वर्षों पूर्व गोदाम को व्यापारियों ने किराए पर दे रखा है। किराएदार ही मालिक बन गए हैं। कुछ व्यापारियों के किराए के गोदाम में आगे और पीछे अतिक्रमण कर किराएदार भी रख लिए हैं।
मंडी में गेहूं में 200 रुपए की तेजी आ गई।
गेहूं के भाव में नए सिरे से 30 रुपए की बढ़त सोमवार को मंडी नीलामी में देखी गई। लगातार बारिश से आवक 2800 क्विंटल की रही। करीब 75 लाख रुपए का नगद गेहूं किसानों ने मंडी नीलामी में बेचा। गज्जर गेहूं 30 रुपए महंगे दाम पर बिका। सरकार द्वारा खुली बिक्री के तहत गेहूं बाजार में नहीं द छोड़ने के नतीजे बाजार में महंगाई के रूप में देखने को मिलने लगे है। अब तक गेहूं 200 रुपए महंगा हो चुका है। इधर त्योहार का दौर आया तो आम लोगों को महंगे भाव पर खरीदी करना पड़ रहा है।

आटा मिल वालों की खरीदी बढ़ गई।
पहले कहा गया था इस साल पैदावार सरप्लस हो गई। किसानों को भी अच्छे दाम मिल गए और आम लोगों को सालभर भाव बढ़ने की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने आम लोगों के लिए गेहूं के भाव में कोई भी राहत नहीं दी है। उज्जैन मंडी के गेहूं ब्रोकरेज संजय खंडेलवाल ने बताया त्योहार का सीजन आया है। आटा मिल वालों की खरीदी बढ़ गई। भाव में तेजी का माहौल बन गया है। सोमवार को मंडी में चार ट्राली गेहूं ऊपर नीचे से खास फर्क वाला आया। नीलाम में ट्राली के ढाले खुलवाए, इसमें पानी मिक्स गेहूं बदबू भी मार रहा था। एक में नीचे 5 से 10 किलो डस्ट अथवा धूल-मिट्टी जमी हुई थी। ऐसे में व्यापारियों ने कहा इससे तो आटे की क्वालिटी भी बिगड़ जाएगी।
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गेहूं आटे के लायक भी नहीं।
2150, 2450, 2231, तथा 2400 रुपए में ट्राली गेहूं की नीलामी में बिकी। हालांकि इसके भाव रिपोर्ट में दर्ज नहीं किए गए हैं। क्योंकि यह गेहूं आटे के लायक भी नहीं बताया गया था। 2231 वाला गेहूं एक व्यापारी ने 2600 रुपए में खरीद लिया। ट्रॉली का ढाला जब खुलवाया जाता है जब नीलाम बोली के समय उपज में फर्क नजर आने लगता है। ऐसे में ट्राली का 25 से 30% गेहूं ट्राली का ढक्कन खोलकर फैलाना पड़ता है जब व्यापारी गेहूं की पारख कर बोली लगाते हैं लेकिन इस प्रकार का गेहूं तोल स्थल से वापस नहीं किया जाता। अब इसे ट्राली में भरने का खेल शुरू होता है।
मंडी नीलामी फड़ पर इसे भरने के लिए 500 रुपए से ज्यादा अथवा 20 से 25 किलो उपज ले ली जाती है। यह काम वर्षों से चल रहा है। इससे किसानों का शोषण होता है। मंडी प्रशासन का दायित्व है कि ढाला खुलने पर और उपज भरने के लिए अपने कर्मचारी या मजदूर लगाए या किसानों को उसे भरने के का विरोध होने के बाद अब इसे संसाधन उपलब्ध करवाए। किसानों बंद करने की मुहीम मंडी में चलने वाली है।
शिकायत मंडी कार्यालय में करें।
मंडी सचिव ने किसानों से कहा था ढाला सिस्टम में किसानों को किसी प्रकार की उपज इसके लिए एक कार्ययोजना पर अथवा नगद पैसे नहीं देने पड़ेंगे। काम किया जा रहा है। यह बताया कि मंडी में लगातार अलाउंस कराया जाएगा कि किसान उपज किसी को नहीं दें अथवा अगर कोई मांगते हैं तो उनकी शिकायत मंडी कार्यालय में करें। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया है कि कोई भी समस्या हो, इसके लिए मंडी के शिकायत निवारण केंद्र पर दर्ज करवाएं।
Chimanganj Krishi Upaj Mandi Ujjain: कृषि उपज मंडी में 1 करोड रु. का सोयाबीन और 75 लाख से अधिक का गेहूं किसानों ने बेचा
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