उज्जैन. पुलिस ने एक ऐसे हाइटेक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने वाहन फाइनेंसिंग और चोरी का संगठित और शातिर नेटवर्क खड़ा कर रखा था ( Bike Loan Fraud in Ujjain )गिरोह नशे के आदि लोगों को लालच देकर और मृत रिश्तेदारों के नाम पर दोपहिया वाहन फाइनेंस करवाता, फिर उन्हें बेचकर खुद ही चोरी करवाता देता था। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब चोरी की एक बाइक की शिकायत पर जीवाजीगंज पुलिस ने जांच शुरू की और गिरोह के पूरे नेटवर्क तक पहुंच गई।
शुक्रवार को एसपी प्रदीप शर्मा ने इस हाइटेक और शातिर गैंग का खुलासा कर बताया कि अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है इनमें चार फ्रॉड तो चार खरीदार शामिल है, जबकि चार फाइनेंस एजेंट से पुलिस पूछताछ कर रही है जिनके आरोपियों से मिले होने की आशंका है। पुलिस जल्द ही इन चार एजेंट को भी ठगी में आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है।
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फाइनेंस एजेंट के साथ मिल नागदा के बदमाशों ने खड़ा किया नेटवर्क
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि नागदा के रहने वाले इमरान उर्फ लालू पिता असलम खान, जावेद खान उर्फ गोलू पिता जमील खान, जीशान खान पिता अनवर और मोंटू रघुवंशी पिता विरेन्द्र ने मिलकर यह हाइटेक ठगी की गैंग खड़ी की। आरोपियों ने हिंदूजा लिलेंड के एजेंट कपिल राठौर रतलाम, आइडीएफसी के एजेंट अक्षय, एचडीएफसी के महेन्द्र और बडनगर निवासी विनोद के जरिए कुछ लोगों को लग्जरी बाइक फाइनेंस करवाई।
फाइनेंस करवाने के लिए आरोपियों ने शराबी और नशेड़ी लोगों को तलाशा इन्हें कुछ रुपए का लालच देकर उनसे डाक्यूमेंट और बैंक स्टेटमेंट लेकर वाहन फाइनेंस करवाए गए। इन्हें वाहन की तीन माह तक लगातार समय पर किश्त भरी गई। इसके बाद इन वाहनों को चोरी करवा दूसरे लोगों को बेच दिया।
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ऐसे हुआ खुलासा
पूरा मामला तब सामने आया जब 11 जुलाई को ढाबा रोड निवासी आवेश खान ने थाने में रिपोर्ट की कि उसकी शाइन बाइक चोरी हो गई है, जो उसने आरोपी जावेद उर्फ गोलू से विक्रय पत्र के आधार पर दो दिन पहले ही खरीदी थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उसमें जीशान, इमरान और मोंटू उसी बाइक को ले जाते हुए दिखे। जो पहले जावेद के साथ उसे बेचने के समय मौजूद थे। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया और पूछताछ की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पहली बार में तो पुलिस भी इस गिरोह की कारस्तानी को नही समझ पाई थी।
आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड
गिरोह का सरगना इमरान खान पहले से ही हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ 9 आपराधिक केस दर्ज हैं। जावेद के खिलाफ 2, जीशान के खिलाफ 1 और मोंटू के खिलाफ 11 अपराध दर्ज हैं। पुलिस को आशंका है कि गिरोह ने कई और शहरों में भी इसी तरह की वारदातें की हैं। फिलहाल पुलिस आगे की पूछताछ में जुटी है और फाइनेंस कंपनियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
खरीदारों से किए वाहन जब्त
गिरोह के सदस्य रहे जो आरोपियों से वाहन खरीदकर दूसरे लोगों को बेच रहे थे। पुलिस ने वाहन खरीदने वाले फैजान पिता फिरोज अहमद एटलस चौराहा उज्जैन से 3 बाइक, मोइज वजीही पिता मंसूर अली नागदा से 3 बाइक, जोवद बेग पिता अकरम बेग जांसापुरा उज्जैन से 2 बाइक और नीलेश पिता महेश कुमार वर्मा सरकारी कुआं भवानी मण्डी राजस्थान से 4 बाइक कुल 13 बाइक जब्त की है। जिनकी कीमत 19 लाख रुपए से ज्यादा है। जब्त बाइक में पांच लग्जरी है जिनकी कीमत 2-2 लाख रुपए से ज्यादा है। पुलिस ने अब तक गिरोह के आठ सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी और चोरी की सम्पत्ति रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जबकि चार बैंक एजेंट की भी गिरोह के साथ मिली भगत सामने आ रही है। दो साल से चला रहे थे गैंग, 34 वाहन फाइनेंस करवाकर बेचे।
जीवाजीगंज टीआई विवेक कनोडिया ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि ये पिछले दो साल से गैंग चला रहे थे। अब तक इन्होंने 34 वाहन फाइनेंस करवा चोरी करवाई और फिर बेच दिए। जिसमें बैंक एजेंट की मिली भगत शामिल थी, क्योंकि एजेंट ने कई वाहन बगैर फिजिकल वेरिफिकेशन के वाहन फाइनेंस कर दिए थे। पुलिस ने अब तक 19 लाख रुपए की 13 बाइक जब्त की, जबकि 20 वाहन आरोपियों ने बदनावर के अलग अलग लोगों को बेचे हैं। ये वाहन जब्त किए जाएंगे। आरोपियों से 34 वाहन का पता चला है।
मृत रिश्तेदारों के नाम पर भी फाइनेंस
हैरान करने वाली बात यह रही कि आरोपी मृत रिश्तेदारों के नाम पर भी वाहन फाइनेंस करवाते थे। आरोपी जीशान ने अपने मृत पिता के नाम से ही बाइक फाइनेंस करवाई थी, जिसे बाद में आदेश को बेचा गया।
उज्जैन एस पी प्रदीप शर्मा में बताया कि यह मामला न सिर्फ ठगी और चोरी का है, बल्कि वह बताता कि कैसे फाइनेंस कंपनियों के एजेंट लालच में आकर अपराधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि एजेंट और कंपनियों के कर्मचारियों ने बिना उचित सत्यापन के कैसे इतने सारे लोन पास किए।
Bike Loan Fraud in Ujjain: फर्जी फाइनेंस के बाद चोरी करवा आधे दाम पर बेच रहे थे लग्जरी बाइक
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